राही अंजाना
Drama
दिल ने धड़कन की ही मान लो के अब सुनना छोड़ दी,
स्त्री को नचाया जबसे इंसा ने कठपुतली बुनना छोड़ दी,
देखती ही रहीं आँखों की दोनों पुतलियाँ एक दूजे को,
उँगलियों के इशारों पर हाथों ने सुतली चुनना छोड़ दी।
बन्धन राखी का
नज़र आती है
विज्ञान
राम का नाम
स्वतंत्र विचा...
साकार सपना
वचन
सुफल
राज़
भूल गया
अंधेरे में आस्क छुपाने नहीं पड़ते, चेहरे में दुखी के धब्बे मिटाने नहीं पड़ते। अंधेरे में आस्क छुपाने नहीं पड़ते, चेहरे में दुखी के धब्बे मिटाने नहीं पड़ते...
तुम से प्यार इसलिए समय का ना पहरा बनाया अहसास की मिट्टी से घर बनाया तुम से प्यार इसलिए समय का ना पहरा बनाया अहसास की मिट्टी से घर बनाया
उसको भी वक्त और खुशी देना, तू भी खुलकर हँस। उसको भी वक्त और खुशी देना, तू भी खुलकर हँस।
लेकिन अपने शरीर और सेहत का ख़्याल रख लिया जाये। लेकिन अपने शरीर और सेहत का ख़्याल रख लिया जाये।
मुझे भी राह दिखाओ पुनः एकबार इस धरती पर आ जाओ...! मुझे भी राह दिखाओ पुनः एकबार इस धरती पर आ जाओ...!
अब कोई कर्ण किसी दुर्योधन के मित्रता का मोहताज नहीं अब कोई कर्ण किसी दुर्योधन के मित्रता का मोहताज नहीं
किसी बच्चे को खिलौने के लिए बिलखते हुए देखूं। मेरा मन करुणा से भर जाए। किसी बच्चे को खिलौने के लिए बिलखते हुए देखूं। मेरा मन करुणा से भर जाए।
वैसे हर रिश्ते की एक तयशुदा कीमत होती है तो रिश्ते के बाजार में ढंग से मोलभाव कीजिए ! वैसे हर रिश्ते की एक तयशुदा कीमत होती है तो रिश्ते के बाजार में ढंग से मोलभा...
ज़िंदगी भर याद रहेगी बिना कुसूर के मिली बेवफ़ाई। ज़िंदगी भर याद रहेगी बिना कुसूर के मिली बेवफ़ाई।
परीक्षा में असफल होने के डर से नींद गायब हो जाती। परीक्षा में असफल होने के डर से नींद गायब हो जाती।
आज तुम्हें उनके दर्द और तकलीफ की कुछ नहीं पड़ी। आज तुम्हें उनके दर्द और तकलीफ की कुछ नहीं पड़ी।
ये कदमों के निशान खुद बतायें। अपने पीछे क्या राज़ छोड़ जायें। ये कदमों के निशान खुद बतायें। अपने पीछे क्या राज़ छोड़ जायें।
सूरज शालू रोज जिंदगी गुजरी अपनी साइकिल की ताड़ी में। सूरज शालू रोज जिंदगी गुजरी अपनी साइकिल की ताड़ी में।
भूल जाऊँ हर गम और वजह हर गम की बस तुम जानो तो वजह मेरे दर्द की -- भूल जाऊँ हर गम और वजह हर गम की बस तुम जानो तो वजह मेरे दर्द की --
मेरा हर नशा तो तू है आ तेरा जी भर के जाम लूं। मेरा हर नशा तो तू है आ तेरा जी भर के जाम लूं।
धड़क... धड़क...
खुद को लोगों के उम्मीदों से मिलाने से डरती हूँ ? एक सवाल खुद से..... खुद को लोगों के उम्मीदों से मिलाने से डरती हूँ ? एक सवाल खुद से.....
जीत सकेंगे हर दुश्मन से उसके घर में जाकर। जीत सकेंगे हर दुश्मन से उसके घर में जाकर।
अपना बड़ा होना तो उतना याद नहीं, पर आपका बड़ा बनाना याद है। आपकी गोदी तो यादनहीं, पर………. अपना बड़ा होना तो उतना याद नहीं, पर आपका बड़ा बनाना याद है। आपकी गोदी तो यादनही...