manisha suman
Classics
कठपुतली
एक डोर से बँधी
जीवन खेल।
खीचें डोर को
चलती इशारों पे
हाथ किसी के।
रचता खेल
बना कठपुतली
रंगमंच पे।
उठा पर्दा को
सुख दुख रंग को
नित दर्शाया।
मुक्तक....प्र...
भीड़
संकल्प
प्रेम
मेरा घर
भय /डर
स्वाभिमान माँ...
ईर्ष्या
माँ (मुक्तक)
वसुधैव कुटुम्...
तभी हम इस नवरात्रि को सही मायने में मना सकते हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत है। तभी हम इस नवरात्रि को सही मायने में मना सकते हैं जो बुराई पर अच्छाई की जीत ह...
उत्कृष्ट भावों को सब सदा सराहें, जो होते हैं उन्नति के आधार, उत्तम आपकी परम्पराएं पर उत्कृष्ट भावों को सब सदा सराहें, जो होते हैं उन्नति के आधार, उत्तम आपकी परम्प...
मैं रिसता रहा रिसता रहूंगा तू क्या जाने पीर मेरा। मैं रिसता रहा रिसता रहूंगा तू क्या जाने पीर मेरा।
रावण तो मर चुका है, जल कर हुआ खाक। उसके वंशज आज भी, सबको देते पाठ। रावण तो मर चुका है, जल कर हुआ खाक। उसके वंशज आज भी, सबको देते पाठ।
हम तो भुला देते हैं उनकी कहानियाँ मगर गुजरे ज़माने उन्हें आवाज़ देते हैं। हम तो भुला देते हैं उनकी कहानियाँ मगर गुजरे ज़माने उन्हें आवाज़ देते हैं।
मां की उंगली पकड़ लेता हूं लौट आ एक बार बचपन वहीं लड़कपन और भोलेपन। मां की उंगली पकड़ लेता हूं लौट आ एक बार बचपन वहीं लड़कपन और भोलेपन।
हमने इस जख्म पे मरहम लगाते–लगाते मैंने अपना उम्र खो गया ! हमने इस जख्म पे मरहम लगाते–लगाते मैंने अपना उम्र खो गया !
करे नर नारी सच्चे मन से जाप तुम्हारा, जीवन भर धन दौलत का वो भंडारी हो। करे नर नारी सच्चे मन से जाप तुम्हारा, जीवन भर धन दौलत का वो भंडारी हो।
मैं वर्षा लाने आया हूं मैं सफर नहीं सफर को सुअवसर बनाने आया हूं ! मैं वर्षा लाने आया हूं मैं सफर नहीं सफर को सुअवसर बनाने आया हूं !
बड़ी खुशनुमा है जिंदगी कहीं जीत है तो कहीं हार ऐ जिंदगी तू ही बता क्या है जिंदगी ? बड़ी खुशनुमा है जिंदगी कहीं जीत है तो कहीं हार ऐ जिंदगी तू ही बता क्या ह...
उन नौ दिनों में सब भूल के माँ सबको देती एक समान आशीर्वाद और फल। उन नौ दिनों में सब भूल के माँ सबको देती एक समान आशीर्वाद और फल।
बच्चों को बच्चे रहने दें उम्मीदों का बोझ न डालें। रहने दें इनकी निश्छलता को औरों से बच्चों को बच्चे रहने दें उम्मीदों का बोझ न डालें। रहने दें इनकी निश्छलता ...
अरे ! असली रावण का तो अब भी मरना बाकी है। अब भी मरना बाकी है। अरे ! असली रावण का तो अब भी मरना बाकी है। अब भी मरना बाकी है।
मुकम्मल कर इबादत उनकी झोली खुशियों से भर देना। मुकम्मल कर इबादत उनकी झोली खुशियों से भर देना।
धत्ता दे सकते हैं बुढ़ापे को एक लम्बे अरसे तक। धत्ता दे सकते हैं बुढ़ापे को एक लम्बे अरसे तक।
आज तो हद कर दी प्यार की लेकर रोशनी चिराग की। आज तो हद कर दी प्यार की लेकर रोशनी चिराग की।
कदम न आगे जाऊं यहाँ देख गली- गली कीचड़ भरी उछल पड़ी है। कदम न आगे जाऊं यहाँ देख गली- गली कीचड़ भरी उछल पड़ी है।
जीते हुए उन पलों का मोल क्या कभी माप सका है कोई। जीते हुए उन पलों का मोल क्या कभी माप सका है कोई।
मौसमों के नाम न होंगे , तुम जब आओगे । मौसमों के नाम न होंगे , तुम जब आओगे ।
समझाने पर ओ दौड़ जाता था क्योंकि ओ मेरा लाडला छोटा बीटा था। समझाने पर ओ दौड़ जाता था क्योंकि ओ मेरा लाडला छोटा बीटा था।