STORYMIRROR

manisha suman

Others

2  

manisha suman

Others

माँ (मुक्तक)

माँ (मुक्तक)

1 min
382


माँ थोड़ा सा मुस्काती है, 

सारी चिंता मिट जाती है, 

नजर नहीं लग जाए मुझको, 

काला टीका लगाती है।


बाँहो में ले सुलाती है, 

लोरी सुना बहलाती है,

माँ मेरे लिये कितनों से, 

हर बात पर लड़ जाती है। 


हर बात वो समझाती है, 

दुःख दर्द नही दिखलाती है, 

अपने आँख के पानी को, 

पलकों पीछे छुपाती है।



Rate this content
Log in