STORYMIRROR

manisha suman

Romance

2  

manisha suman

Romance

मुक्तक....प्रेम

मुक्तक....प्रेम

1 min
183


तुम चंचल अधीर मेघ प्रिये, मैं धरती सी बेताब रे, 

प्रेम में तेरे नित नित संवरूं, खुली एक किताब रे,

स्नेह सुधि से सुरभित श्वासें, हृदय का श्रृंगार हैं

प्रश्न पहेली सी थी मैं , तू हर प्रश्न का जवाब रे,



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance