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manisha sahay

Others

5.0  

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मेरा घर

मेरा घर

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मेरा घर ख्वाबों का आशियां होगा,

बड़े से शहर में एक मकान होगा,

बड़ी सी छत पीछे आमों का बगान होगा,

खुली खिड़कियाँ हवाओं का रास्ता होगा,

मेरा घर ख्वाबों का आशियां होगा।


आगे आँगन, पीछे बगान होगा, 

फूलों की खुशबू भंवरों का गाना होगा, 

कोयल की कूक से गूँजता आसमान होगा,

मेरा घर ख्वाबों का आशियां होगा।


मोहल्ले की औरतों का किस्सा बयान होगा,

पापड़ और बड़ीयां सुखाना आसान होगा

शाम में टहलना सुबह राम-राम होगा,

मेरा घर ख्वाबों का आशियां होगा।


छुपा छुपी का खेल आंगन का काम होगा,

दादी की पुजा तुलसी का मान होगा,

तारों की छाँव, सपनो का जहान होगा, 

मेरा घर ख्वाबों का आशियां होगा।


आज शहर में बड़ा यह सवाल होगा,

क्या शहर में मुमकिन यह काम होगा,

या दिल के अंदर कसक का जहान होगा,

क्या शहर में मुमकिन यह काम होगा,

मेरा घर ख्वाबों का आशियां होगा।



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