क्षणिका
क्षणिका
कभी-कभी
शब्द खामोश हो जाते हैं,
भावों के सैलाब
दिल से निकल
नयनों से बह जाते हैं..।।
कभी-कभी
शब्द खामोश हो जाते हैं,
भावों के सैलाब
दिल से निकल
नयनों से बह जाते हैं..।।