क्रूर काल
क्रूर काल
क्रूर काल तुझे जितनी भी
विषम संज्ञायें दी जाए
वो कम हैं
तू निर्दयी है
निर्मम है, निर्मोही है
तूने एक माँ की गोद सूनी
करने से पहले एक बार भी नहीं सोचा
तू सोच तुझे कौन भला कहेगा
आज चारों ओर कोहराम मचा है
हर माँ रोटी बिलखती ढूंढ रही है
अपने लाल को
तूने एक माँ को माँ कहलाने
के एहसास से वंचित कर दिया
अब से वो किसका इन्तजार
करेगी स्कूल से वापस आने का
अब से वो किसकी पसंद का
खाना बना कर रखेगी
अब से कौन चॉकलेट
और पिज़्ज़ा मांगेगा
अब से कौन अपनी पसंद की
ड्रैस न मिलने पर रूठेगा
अब से कौन टी.वी. का
रिमोट ढूंढेगा
अब से कौन उस माँ
का मोबाइल छुएगा
अब कौन उसे माँ कह के पुकारेगा
क्रूर काल तू निर्दयी है,
निर्मम है..निर्मोही है..!!