कृपा दृष्टि कर दो न
कृपा दृष्टि कर दो न
कर जोर खड़ी हूँ द्वारे पर, मैं कर रही हूँ प्रार्थना।
मझदार में है जीवन नैया, तू आ कर पार लगा दो न।
कहीं ऐसा न हो की देर करदो तुम,
सब तड़फ -तड़फ कर मर जायें।
माँ इक तेरा सहारा है, अपने कर कमलों से सभीको सहारा दे।
करतेहै हम पाप बहुत, नहीं तेरी दयाके काबिल है।
पर तूं तो इक माँ है मैया, हमारे गुनाहों को माफ करो।
हम बहुत बुरे है ये मैया, फिर भी हम तेरी संतान है।
इस बीमारी से दुनिया को आजाद कर दो न माँ।
कृपा दृष्टि माँ हम दुष्टों परभी थोड़ी अपनी कर दो न।
