कोताही
कोताही
समस्या ये है कि
अक्सर निजी विद्यालय के
कई अभिभावक समय पर
विद्यालय की बकाया फीस
जमा करने में
बहुत कोताही बरतते हैं,
जो कि अच्छी बात नहीं...!
अक्सर झूठ-पे-झूठ, झूठे वादे
और तारीख-पे-तारीख देकर
अपने-अपने घरों में
बेपरवाह बैठे रहने की
उनकी ये बुरी आदत आखिर
निरंतर निष्ठा भाव से
शिक्षा सेवा प्रदान करनेवाले
शिक्षकों को
निराश एवं निरुत्साहित करते हैं...!
क्योंकि जब कुछ तथाकथित
समझदार अभिभावक
यथासमय अपने संतानों की
बकाया फीस जमा करने में
कोताही बरतते हैं, तो
यक़ीनन शिक्षकों को
सही समय पर
महीने की तनख्वाह
मिल नहीं सकती...!!!
ये कहाँ का न्याय है...???
ये आदत कब सुधरेगी ???
क्या वो इतने नासमझ हैं...???
या यूँ कहें कि
वो जानबूझकर नासमझी का
नाटक किया करते हैं...!!!
