कोरोना
कोरोना
बंद करो कोरोना का रोना धोना
इसे तो अब हमेशा है झेलना।
न किसी से मिलना जुलना
न कहीं आना और जाना।
घर के अंदर ही रहना
और बार बार हाथ धोना।
कहीं निकले तो मास्क ज़रूर पहनना
सैनिटाइसर का भी बीच बीच में
उपयोग करना।
बंद करो कोरोना का रोना धोना
इसे अब हमेशा है झेलना।
मनुष्य एक दूसरे से दूर होने लगा
अपने आपको बचाने के तरीके
ढूँढने लगा।
तरह तरह की दवाइयों का प्रयोग
करने लगा
एलोपैथी, होम्योपैथी तो
कभी आयुर्वेदिक खाने लगा।
टी वी, रेडियो, मोबाइल पर
कोरोना के मैसेज गूँजने लगे
लोग भी इससे बचने के तरीके बताने लगे।
बच्चे बुजुर्ग की हिफाज़त कुछ ज्यादा होने लगी
घर पर रह कर भूख भी खूब लगने लगी।
बंद करो कोरोना का रोना धोना
इसे अब हमेशा है झेलना।
गृहणियों के काम भी बहुत बढ़ गये
सुबह से शाम रसोई में पैर जम गये।
तरह तरह की फ़रमाइश होने लगी
नये नये व्यंजन वह परोसने लगी।
कभी बच्चे तो कभी पति की देखभाल करने लगी
खुद का भी सजना संवरना टालने लगी।
सूट साड़ियां ये सारे अलमारी में ही धरे के धरे
क्या गुलाबी, क्या लाल, पीले और काले हरे।
बंद करो कोरोना का रोना धोना
इसे अब हमेशा है झेलना।
