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Komal Kamble

Abstract Tragedy Others

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Komal Kamble

Abstract Tragedy Others

कोरोना

कोरोना

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इस बीमारी ने इंसान को ही इंसान से दूर किया

जो हाथ करना चाहते थे मदद 

उन हाथों को दूर रहने के लिए मजबूर किया 

हर वक्त हर जगह इंसानियत का इम्तिहान लिया 

इस बीमारी ने पूरी मानवता पर प्रहार किया 


मानवों के साथ साथ                       

पशुओं का भी जीवन दुश्वार किया

बेजुबान को भी बेजुबान होने की

बेबसी से खामोश किया

हर किसी की यादों में सिर्फ दर्द का सैलाब दिया

सपनों के साथ साथ हौसलों को भी तोड़ दिया

दर्द इतना था कि गम भी रोने लगे

इस बीमारी से लोग मौत की नींद सोने लगे

ऐसी आपदा फिर कभी न आए 

इंसान पर इंसान से दूर रहने की नौबत ना लाए।


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