कोई तो जगह होगी
कोई तो जगह होगी
कोई तो जगह होगी
जहां,न मिलकर भी
मिलते होंगे हम
ख़्यालों में ही सही
फूल से खिलते होंगे हम
ईश आराधना में
प्रेम प्रार्थना में
सुबह की धूप में
दोपहर ठंडी छाँव में
शाम की चाय कभी
कभी मन के गांव में
होगी जरूर
जगह कोई
जहां मजबूरियां हारेंगी
और ये दूरियां हारेंगी
जीत जाएंगे,
तो बस मैं और तुम
और गुनगुनायेंगे
एक दूसरे में हो गुम
कोई तो जगह होगी
जहां न मिलकर भी
मिलते होंगे हम
ख़्यालों में ही सह
फूल बनकर
खिलते होंगे हम।