महफ़िल
महफ़िल
तेरे काम में सुना है ,बड़ा नाम चल रहा है
घर बार तेरा -मेरा ,अविराम चल रहा है
तू मेरे दिल की धड़कन, मैं तेरी दिलरुबा हूं
वो काम देखते हैं,मैं राह देखती हूं
तैयार हो गए हो, चल जाओ ना अभी से
माना चलाते बेहतर, हो गाड़ियां सभी से
कोई हादसा ना देता, अपना पत्ता है पहले
बेहतर है जानेजाना,जाना समय से पहले
हमको बिसार देना, जब काम पे लगे हो
रख देना तू मोबाइल, ना चूक की वजह हो
परिधान व कवच भी, हो काम के मुताबिक
वैसे ही घर को आना, जैसे कि जा रहे हो
बरसात का महीना भी पास आ रहा है
अब जिंदगी में अपने, कोई खास आ रहा है
रहे नौकरी सलामत,भी कंपनी सलामत
वहां तुम संभाल लेना,यहां हम दुआ करेंगे
टीवी पे मैने देखा,भोपाल की वो घटना
एमआईसी का तांडव,उस रात का गुजरना
हो भूल ना दोबारा, इस महफ़िल का मक़सद
एक पेड़ तुम लगाना, एक हम लगा रहे हैं ।