कुछ कविताएं जो लिखी गई...
कुछ कविताएं जो लिखी गई...
कुछ कविताएं जो लिखी गई...
डायरी पर,
वह छुपकर आतुर रही बाहर आने को
पर लिखने वाला उसे बाहर लाने का
आत्मविश्वास नहीं ला पाया
कुछ कविताएं जो लिखी गई....
सरहद पर,
वो गोली की तरह निकल लगती रही मन पर
जिसे सहन करना सबके बस की बात नहीं
कुछ कविताएं जो लिखी गई...
श्रृंगार पर,
अपनी प्रेमिका की वो शर्माती सी आई
किसी खास दिन जिन्हें सब देख ही नहीं पाए
कुछ कविताएं जो लिखी गई...
आज के परिवेश पर,
उन्हें पढ़कर खुश हुए वही लोग
जिन्होंने देखा पुराने परिवेश को अपनी आंखों से
कुछ कविताएं जो लिखी गई.
धर्म निरपेक्षता पर,
उन्हें ठहरा दिया गया अपराधी अपने ही धर्म का
कुछ कविताएं जो लिखी गई...
पर्यावरण को बचाने के लिए,
उन्हें बता दिया गया विकाश का विरोधी
कुछ कविताएं जो लिखी गई...
प्रेम पर,
उन्हें सराहा हर वर्ग हर धर्म के लोगों ने
इसका मतलब प्रेम आज भी सर्वोपरि हैं।।।।