कोई तो है
कोई तो है
आईने में झाँका उसने दिखा उसे उसका ही रुप,
कहा निहारा अपने को तुम लगते हो पहले से खूब।
अब मैं जाऊँगा कुछ लेने बना लूँ खुद का खाना मैं,
बीवी आनेवाली है तो उसके लिए पकाना मैं।
आज बनाऊँगा उसके मैं पसंद का बढ़िया पकवान,
वो भी यूँ कर लेगी वाह वाह मैं दुआ करूँ ऐसी भगवान।
उसने खोला दरवाजा जो बजा रहा था कोई और,
सामने उसको खड़ा देखकर चौंक गया वो भावविभोर।
वो सहमी उसको ही देखकर बेहोशी छाई उसपर,
पानी छिड़काया उसने जब सँभल गई वो ले अवसर।
कहने लगी मैंने देखा तुम जा ही रहे थे दूजी गली,
बात हो गई थी सीढ़ी पर आता हूँ मैं ए पगली।
अब वो गया किचन में खाना बन ही गया था लगभग अब,
वो आई सज-धजकर घूमेंगे खाकर फिर मूवी जाएँगे जब।
दरवाजा खोला उसने जब टकटक कोई कर रही रहा,
देखा पती जब सामने उसका होश ठिकाने ही न रहा।
दौड़-दौड़ती किचन में पहुँची कोई नहीं वहाँ पर था,
खाना तो बन नहीं रहा आया वो सब्जी लेकर था।