जय जवान
जय जवान
सरहद पर मर मिटते हैं हम, जान हमारी सस्ती है;
किसके लिए तुम सीमा पर हो,दुनिया हम पे हँसती है!
भारतवासी कहते कहते मिट ना जाए हस्ती ये,
डूब ना जाए अंदर ही अब तुम ही सँभालो कश्ती ये।
हमने माना तुम लड़ लोगे अपने हक़ के लिए सभी
कर्तव्यों का करना होता भी है पालन, किया कभी?
हमने सोचा सियासतों से पूछोगे तुम बहुत सवाल,
तुम्हे किसी की पड़ी नही, बस आता करना तुम्हे बवाल।
सुधार लो हर गलती अपनी, अब भी समय है, गया नहीं,
ऐसा भी आएगा इक दिन, कर पाओगे बयाँ नहीं!
