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Somesh Kulkarni

Abstract

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Somesh Kulkarni

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एकता

एकता

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तुम्हारे नेक है सारे इरादे ये बता देना

हमारी एक भाषा है विचारों की जरा देना,


कोई तुमसे अगर पूछे के क्या मिलता है ऐसे में

मिसालों की जुदाई की उन्हे तुम ये खता देना।


सफर में जब वो गुजरे तब वहाँ ना थी कहीं मंजिल

हुए जब रुबरु दूजे से हो गए राह में शामिल,


यही शक्ति है जब तुम एक होते हो तो क्या है फिर

सफर ही है ये इक मंजिल जरुरत क्या है हो हासिल ?


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