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Kunda Shamkuwar

Tragedy

3  

Kunda Shamkuwar

Tragedy

कोई सवाल न कर

कोई सवाल न कर

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क्यों से बहस होती है

कल कोई कह रहा था

तो गाँठ बांध ले अब हम

आज से कोई नही पूछेगा क्यों 

और ना कोई सवाल करेगा कैसे 

ना होगा कोई सवाल अब

ना होगा कोई बवाल अब

सन्नाटा पसरेगा बस्ती दर बस्ती

जैसे हो कोई ये मुर्दों की बस्ती

ये सन्नाटा कोई दुध का धुला नही है 

ये सन्नाटा बड़ा समझदार है

जानता है कि सरगोशी कब करनी है

तभी तो खामोश रहता है

बेटियों को जब कोख में मारा जाता है 

और मोमबत्ती जलाकर हाथ मे

विलापता है कैमरों पर किसी बलात्कार के

विलाप का पैमाना भी नेता और गरीबों के लिए अलग रखता है

यह ड्रॉइंग रूम पॉलिटिक्स की डिप्लोमेसी है

आखिर जनता तो जनता है

उसका काम तो बस वोट देना है

चाहे वह बसर करती रहे

भूखी प्यासी

किसी तंग गलियों की

जिन्दा या मुर्दा बस्ती में ...


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