कोई दे दो दुआ
कोई दे दो दुआ
कोई दे दो दुआ, मुस्कुराता रहूं
प्रेम का गीत सबको सुनाता रहूं।
सो रहा ये जहां पाप की नींद में
जागुं खुद और सभी को जगाता रहूं।
कोई दे दो दुआ...!
खो न जाऊं कहीं, पाप के गर्त में
प्यार की ज्योति मन में जलाता रहूं।
हे खुदा देना मुझको, तू इतनी दुआ
हर गरीबों के दर्द को मिटाता रहूं।
कोई दे दो दुआ..!
ना भटके कभी चंचला मेरा मन
पांव सत्यता की राह में बढ़ाता रहूं।
ना बनूँ मैं कभी इस जगत का जहर
बोझ दुनिया का माथे पे ढोता रहूं।
कोई दे दो दुआ..!