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Sudha Adesh

Drama

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Sudha Adesh

Drama

कमजोर नहीं हैं बेटियाँ

कमजोर नहीं हैं बेटियाँ

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कमज़ोर नहीं हैं बेटियाँ

कमज़ोर बनाते हैं हम उन्हें 

यह न करो, वह न करो के

बंधनों में बाँधकर।


लड़कों को तो नहीं टोकते,रोकते

लड़के हैं ग़लती हो गई, 

कर देते हैं सारे गुनाह माफ़

काश ! लड़कियों से भी यही कह पाते।


शरीर को शरीर ही रहने देते

पवित्रता, अपवित्रता से न जोड़ते,

चिड़िया सा चहचहाने,

कोयल सा गुनगुनाने देते,

तब हमारी बेटियाँ कमज़ोर न होतीं।


सृष्टि की जन्मदात्री,

सहनशीलता समाई

जिसकी रग-रग में,

कमज़ोर हो नहीं सकती,

हमें बदलना होगा,

बेटियों के प्रति नज़रिये को

जब नर अपवित्र नहीं तो नारी क्यों ?


सोच बदल पाये गर समाज की हम

दुष्कर्म नारी के लिये कलंक नहीं, 

यातना नहीं ,बोझ नहीं, अभिशाप नहीं,

हादसा होगा, सिर्फ़ एक हादसा।


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