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Neerja Sharma

Action Inspirational

4  

Neerja Sharma

Action Inspirational

किताब 1/11/22

किताब 1/11/22

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मेरी जिंदगी की किताब

हर पन्ना बेहद खूबसूरत

प्रभु का आशीर्वाद कहिए

 या माँ पापा के संस्कार

किताब का हर पन्ना

सुनहरी यादों से भरता चला गया।

अगर बचपन के पन्ने खोलकर बताऊँ तो बचपन बहुत ही प्यारा था।

हरियाणा में पले बढ़े और हिमाचल में नानी का घर दो अलग जगहों के 

सुंदर अनुभव के साथ हर पन्ना बेहद खूबसूरत।

नानके-दादके दोनों जगह की बड़ी बेटी होने के कारण बधाई से स्वागत मिला। 

अगले पन्ने खुले पढ़ाई लिखाई के

आठवीं तक की पढ़ाई हरियाणा के गांव खुडाना में कर आई।

छोरी हो के भी हम दोनों बहने पढ़ने जाती

अव्वल नंबर से पास होकर आती।


हर पन्ना पढ़ूँगी तो बड़ी देर हो जाएगी

चलो सीधे कालेज की बातें सुनाऊँगी

 जी. सी. जी. चंडीगढ़़ से बी. ए. किया

पी. यू. से मास्टर्स किया

पापा से विरासत में मिला था ज्ञान

 किताब के बहुत सारे पन्ने रहें डिग्रियों के नाम।

अगला पड़ाव शादी का आया 

शादी के बाद जिंदगी ने मुंबई घुमाया।

फिर तो जो पन्ने जुड़ते गए मेरी छोटी सी किताब को ग्रंथ बनाते गए।

लोकल ट्रेन में लेखन शुरू हुआ 

बड़े-बड़े पत्रों से पापा को

दिल का हाल कहा।

मध्यम वर्ग में पैदा हुई 

जिंदगी ने हर कदम पर सुनहरे मौके दिए।

परेशानियाँ आती थी 

पर जूझने से पहले ही सुलझ जाती थी।

उसके बाद के पन्ने तो रिश्तों से भरते चले गए

माँ-पापा के बाद रिश्तों से रिश्ते बनते ही चले गए।

घर के संस्कारों ने ससुराल में मान दिलाया

अनजान शहर में प्यार और व्यवहार ने 

परायों को अपना बनाया।

फिर तो मुंबई में ही नानी दादी सब मिल गए

रिश्तों से फिर आगे रिश्ते जुड़ते चले गए।

पति की अच्छी नौकरी ने खूब सैर कराई

बहुत से विदेशों की फिर सैर कर आई।

सकारात्मक सोच ने जीवन में आगे बढ़ाया

जिंदगी की किताब का हर पन्ना सुंदर लफ्जों से भर पाया।

संतोष धन ने कभी नीचे ना झुकने दिया

चाहत से ज्यादा हमेशा ही मिला।

किताब का हर पन्ना

 हर बार नए अनुभव से लिखा जाता 

जितनी बार पढ़ो खुशियाँ भरता जाता।

बस एक कमी रही जिंदगी में 

भगवान ने बेटी न दी।

घर का आँगन दो बेटों से खिलता रहा

 उनकी किलकारियों से चहकता रहा ।

 फिर जिंदगी की किताब में

 एक किताब और खुल गई।

बेटी ना होने के गम ने सताया

पर स्कूल की हर बेटी को अपना बनाया।

स्कूल के बच्चों के जीवन में रंग भर गए

 कितने ही डॉक्टर-इंजीनियर और कवि बन गए।

मेरी जिंदगी की किताब बन गई एक बड़ा सा ग्रंथ

हर पन्ना जिसका करता था मेरे जीवन का मंथन।


उम्र के साथ-साथ सुख दुख जुड़ते रहे

किताब के पन्ने पर बढ़ते रहे। 

अपनों को खोया नयों से मुलाकात हुई

जिंदगी के किताब के पन्नों की कहानियाँ बढ़ती रही।

जिंदगी ने मुझे सब खूबसूरत दिया

मैंने भी और बेहतर करने का प्रयास किया।

एक कमी जो हमेशा सताती थी भगवान ने पूरी की

बेटे की शादी से एक बेटी मुझे मिल गई।

मेरी जिंदगी की किताब का 

अधूरा पन्ना पूरा हो गया

अब तक की जिंदगी के एहसासों को आपको सुना दिया।

थैंक यू जिंदगी तुम्हारी हर नियामत के लिए

धन्यवाद मेरी जिंदगी की

किताब को ग्रंथ बनाने के लिए।



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