किस्सा याद आ जाता
किस्सा याद आ जाता
उनके आते ही दिल का हर वो,
किस्सा याद आ जाता मुझे,
जिसकी याद में यूँ,
जिंदगी गुजर जाती है I
हर एक तस्वीर और हर एक सूरत ,
रह-रहकर तेरी याद दिलाती है
जिसमें इश्क की दीवानगी,
बढ़ जाती है I
बेचैनियाँ समेटकर तनहाइयाँ,
आज गुलज़ार हो गई,
अब तनहाइयों में हर- पल ,
प्रतीक्षा तुम्हारी रहती है I
तुम्हारी यादों में मैंने,
अपनी कविताओं को सींचा है,
इसलिए हर कविता में ,
जिक्र तुम्हारा रहता है I
तुम समंदर सी लहर हो,
तो मैं उसका एक किनारा हूँ,
जहाँ तुम मुझसे उठती हुई,
लहरों से मिलने आती हो I