STORYMIRROR

Amruta Thakar

Tragedy

2  

Amruta Thakar

Tragedy

किस्मत

किस्मत

1 min
29

फूटे घड़े जैसी किस्मत के सहारे खलता है हर पल स्वार्थ में ,लिपटे बेगीनत सहारे को देखकर 

जो नाम से जुड़ा है वोह तो बस बेबसी जलालत ही देगा, 

जो मन से आत्मस्थ रवानगी की तरह बेहता है हर दिन मेरे साथ वो  ...

अधूरे की प्यास पल पल तरसाती आंखों को बरसाती है,

बस एक यह ही सचा है ,बाकी सब नियती का खेल है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy