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Amruta Thakar

Tragedy

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Amruta Thakar

Tragedy

वफा

वफा

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हम तो वहीं मुक्कमल तेरी राहों में, ख़यालो के पुलाव बना के इतराते थे,

शायद ना तू पहले था ना आज है, हम जिसे अपना समझते थे।

तेरे बदलते रंगो में मेरा कितना वजूद है

चलो आज तुमसे पूछते हैं, कि तेरा कौन सा रंग मेरा है

झूठे हैं वह जो, प्यार को कच्ची दौर समझते या तो होंगे कायर और बेवफा फितरत से

जिसके फितरत में आसानी से है टूटना, वह फालतू के दीवाने लाखो सयाने मिलेंगे।

आज तू बता दे हमें, तेरे एहसास में मेरा वजूद क्या है,

तेरे इस इतने रंगो में, मेरा कौन सा रंग है

जवाब मुक्कमल हो और हौसला, कायम हो तभी देना

बाकी तेरे सयाने बहानों से कम दर्द, तेरी खामोशी देती है।


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