योग
योग
जो रास्ते बीछड गए थे
मिल गये फिर से
दिल मे तेरे मेरे जज्बात
जो कभी खत्म होंगे नहीं
भले एक दूसरे पे
हमें कोई हक नहीं
पर ये जो रवानी में
मस्त होके गुजरते है
ये मस्त सफर तो
सिर्फ तेरा मेरा हे
दूर कितने भी रहे
हम तुम
महसुस कर सकते हैं
एक-दूसरे को
शब्द भी नहीं चाहिए
हमें प्यार करने को
खुद में ही बस गए
एक दूसरे को
अब जताने की भी
जरुरत नहीं
आनंद का राग
गाती है मेरी धडकन
तेरे मेरे प्यार में
वो हैसला है
यहाँ कोई वियोग
का योग नहीं।