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Amruta Thakar

Inspirational Others

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Amruta Thakar

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चांद

चांद

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ए चांद तू क्यूं इतना चमकता है, 

क्या दिखलाता है के तू बहुत खुश है, 

रोज रोज थोड़ा कटना...

थोड़ा थोड़ा खुद को खोना

फिर से पुरा होना... कटने के लिए, 

कभी पूनम का पुरापन...

और कभी अमावस को खतम होना, 

फिर से शुरू होता है 

पुरे से ख़तम तक,

ख्वाहिश जो ख़तम होती ही नहीं, 

चमकता है इतराता है फिर भी... 

तुझे पता है...

ए चांद तू जिंदगी जैसा है 

कभी कटता कभी पुरा होता है।


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