ये रात भी गुज़र जाएगी जैसे कल दिन भी गुजर गया... मैं भी गुज़र जाउंगा रफ्ता-रफ्ता सूरज-सा ये रात भी गुज़र जाएगी जैसे कल दिन भी गुजर गया... मैं भी गुज़र जाउंगा रफ्ता-रफ्ता स...
ए चांद तू क्यूं इतना चमकता है, क्या दिखलाता है के तू बहुत खुश है, रोज रोज थोड़ा कटना... थोड़ा थ... ए चांद तू क्यूं इतना चमकता है, क्या दिखलाता है के तू बहुत खुश है, रोज रोज थो...
मेरा बचपन अभी ज़िंदा है मौत भी जिससे शर्मिंदा है मेरा बचपन अभी ज़िंदा है मौत भी जिससे शर्मिंदा है
आज के समय छोटी छोटी सी बातो पर खत्म होते है रिश्ते, आज के समय मनुष्य की खत्म होती जा रही है सहनशीलत... आज के समय छोटी छोटी सी बातो पर खत्म होते है रिश्ते, आज के समय मनुष्य की खत्म हो...