टॅड़ी जो देखन मैं चला टॅड़ी न मिलीया कोई आईना जो देख लिया खूद सा टॅड़ी न कोई हनी हनी सभौं ... टॅड़ी जो देखन मैं चला टॅड़ी न मिलीया कोई आईना जो देख लिया खूद सा टॅड़ी न क...
क्या खूब दिन थे मेरे यारों के साथ कभी छुपते थे अंधेरों के पार आहट से जान जाता था वह बचपन का य... क्या खूब दिन थे मेरे यारों के साथ कभी छुपते थे अंधेरों के पार आहट से जान ...
बचपन की यादों और जवानी के दिनों का बसेरा होता है यूँ तो पीढ़ियां बदल जाती है मगर अपना घर अपना होता ... बचपन की यादों और जवानी के दिनों का बसेरा होता है यूँ तो पीढ़ियां बदल जाती है मग...
आज के समय छोटी छोटी सी बातो पर खत्म होते है रिश्ते, आज के समय मनुष्य की खत्म होती जा रही है सहनशीलत... आज के समय छोटी छोटी सी बातो पर खत्म होते है रिश्ते, आज के समय मनुष्य की खत्म हो...
साथ दो आवाज़ का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं बन्द कर मैं का झगड़ा एकत्र हो बन जाओ हम साथ दो आवाज़ का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं बन्द कर मैं का झगड़ा एकत्र हो बन ज...