बिना स्कूल जाए दोपहर को वहीं बैठता कब एक बेर गिरे तांक-झांक करता रहता बिना स्कूल जाए दोपहर को वहीं बैठता कब एक बेर गिरे तांक-झांक करता रहता
हुआ मिलन जब केवट से, उनको गले से लगाया। हुआ मिलन जब केवट से, उनको गले से लगाया।
खाई है मैने अब कसम तेरी जो छूऊँ मैं तेरे सिवा किसी को मेरा जिस्म वही गला जाना खाई है मैने अब कसम तेरी जो छूऊँ मैं तेरे सिवा किसी को मेरा जिस्म वही गला जाना
टॅड़ी जो देखन मैं चला टॅड़ी न मिलीया कोई आईना जो देख लिया खूद सा टॅड़ी न कोई हनी हनी सभौं ... टॅड़ी जो देखन मैं चला टॅड़ी न मिलीया कोई आईना जो देख लिया खूद सा टॅड़ी न क...
दंडकारण्य में एक आश्रम ऋषि मातंग वहा रहते थे भीलनी एक शिष्या उनकी सब शबरी उसको कहते थे। दंडकारण्य में एक आश्रम ऋषि मातंग वहा रहते थे भीलनी एक शिष्या उनकी सब शबरी उसक...
मैं तो कोसों पैदल चल कर मां शबरी से मिलने आया हूँ मैं तो कोसों पैदल चल कर मां शबरी से मिलने आया हूँ