STORYMIRROR

मधुशिल्पी Shilpi Saxena

Others

3  

मधुशिल्पी Shilpi Saxena

Others

अपना घर

अपना घर

1 min
253

तन्हाई में भी किसी कोने से आती है

सबके खिलखिलाने की आवाज़ और कभी

महसूस होता है झगड़े के बाद की शांति का एहसास

तमाम यादों का वहां पर डेरा होता है 

बचपन की यादों और जवानी के दिनों का बसेरा होता है

यूँ तो पीढ़ियां बदल जाती है मगर अपना घर अपना होता है


Rate this content
Log in