एक अरसा खतम होने को है
एक अरसा खतम होने को है
एक अरसा खतम होने को है
वक्त की गोद में कोई सोने को है
रह जायेंगी जो सदा याद बनकर
वो लम्हे शुरू होने को है ।
एक अरसा खतम होने को है !
मेरा बचपन अभी ज़िंदा है
मौत भी जिससे शर्मिंदा है
सर पर जो थे वो हाथ सदा
वो हाथ कहीं गुम होने को है ।
एक अरसा खतम होने को है !
इस दिल में एक सूनापन है
किसके जाने की गम जो है
भर नहीं सकता वह सूनापन कोई
यादों की सहारा बस मिलना ही है ।
एक अरसा खतम होने को है !