किसी ने दिल पे दस्तक़ दी हैं
किसी ने दिल पे दस्तक़ दी हैं
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
किसी ने दिल पे दस्तक़ दी हैं,
दरवाजा भी खटखटाया हैं...
मुझे सुनाई नहीं दिया,
शायद बेल भी खूब बजाया है...
आधी रात हो गई कौन हो सकता है,
ये सोचकर मन घबराया है...
डर-डर के दरवाजा खोला तो देखा,
मेरे बचपन का दोस्त आया है...
मैंने झट से उसको अंदर ले लिया,
औऱ बोली चल तेरी खातिरदारी करती हूँ,
आज तूने मुझे बहुत डराया है
तुझे भूली नहीं पगले,
हर रोज तेरी याद में,
आँसू खूब बहाये हैं।
तुझे देखके वर्षो बाद आज
मुस्कराया है,
किसी ने दिल पे दस्तक़ दी है,
दरवाजा भी खटखटाया हैं...!