ख्याल
ख्याल
मेरे ख़्याल से बेहतर नहीं हो तुम
मेरी उम्मींद से हटकर नहीं हो तुम।।
तुम जान हो जहाँ हो,तुम ही तो आसमां हो
इस क़ायनात से बढ़कर नहीं हो तुम।।
फूले पलाश हरसूं इनका ही तो है मौसम
हर दिल में आग सी है कमतर नहीं हो तुम।।
ख़ुशियों से भर दिया है मेरी ज़िन्दगी का दामन
रब की दुआ से बढ़कर,रहबर नहीं हो तुम।।
तुम भी तो इक ज़मीं हो,अम्बर न समझना
जो लेखनी चलाते सुखनवर नहीं हो तुम।।
