स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
भारत की तस्वीर बनाना है
ख़ुद की ही तकदीर सजाना है।।
देश धर्म के बँटवारे छोड़ो
प्यार की ही शमशीर बनाना है।।
कलम चलेगी लिख देगी इतना
रांझा और अब हीर बनाना है।।
ताले तोड़े हर दरवाज़े के
सबके मन की पीर मिटाना है।।
एक सूत्र में बंध जाएँ हम सब
तुलसी-सूर , कबीर बनाना है।।
टूटे मन, छूटे घर- आँगन हैं
न
ेह की इक जंज़ीर बनाना है।।
आकर्षण बढ़ जाए भारत का
अपना देश, अमीर बनाना है।।
काम कठिन है, कैसे होगा यह
मत सोचो,ये नीर बहाना है ।।
मिलें तो हम सब, कर देंगे पूरे
शुभ संकल्पी- वीर बनाना है।।
देख रही है हमको ये दुनिया
हासिल कर ताबीर बनाना है।।
विश्व ग्राम का भारत का सपना
अब ‘उदार’ जागीर बनाना है।।