STORYMIRROR

DURGA SINHA

Inspirational

4  

DURGA SINHA

Inspirational

स्वतंत्रता

स्वतंत्रता

1 min
264


सबका हो सम्मान 


हिन्दू-मुस्लिम,-ईसाई भाई-भाई हैं बोलो 

भारत के भाईचारे की,है सच्चाई को सब तोलो।।


धर्म-जाति में हमें न बाँटो,अपना कोई वैर नहीं

अपने-अपने धर्मों में,अपने भगवानों को खोजो।।


राजनीति के दल-दल में,फँसी यहाँ मानवता है 

चाहे या न चाहे जनता,बस विरोध में ही बोलो।


तीज और त्यौहार सभी के, जीवन मूल्य सिखाते हैं

ईद मुब

ारक तभी कहेंगे ,राम-राम तुम भी बोलो ।।


सर्वधर्म समभाव की भाषा ,अब सबको सिखलाना है

सबका हो सम्मान बराबर, ऊँच-नीच में मत तोलो।।


भारत की भूमि स्वर्णिम है,स्वर्ग धरा यह धरती पर

भाँति-भाँति की भाषा-भूषा, विविधता में तुम खेलो।।


ईर्ष्या-द्वेष, वैर और नफ़रत, जीवन में मत आने दो 

तुम उदार’मन कर लो अपना अब मिठास मन में घोलो।।  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational