स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
स्वर्णिम भारत के सपने को, पूरा करने आएगा
अब स्वतंत्र भारत भूमि पर, रामराज्य आ जाएगा।।
देशद्रोह भी देश के अंदर,अब न पनपने पाएगा
कूटनीति की गंदी चालें, न कोई चलने पाएगा।।
जनहित की बातें है करता
जगहित का विश्वास अटल
भारत का सच्चा है सारथी
देश को पल-पल रहा बदल
शांतिदूत का सेवक प्रहरी,हिंसा
दूर भगाएगा
अब स्वतंत्र भारत भूमि पर, रामराज्य आ जाएगा।।
राजनीति के चतुर चितेरे,
साम-दाम दिखलाते हैं
जनता को भयभीत हैं करते,
अंधभक्ति सिखलाते हैं
सत्य-अहिंसा पथ है अपना
कौन हमें धमकाएगा
अब स्वतंत्र भारत भूमि पर, रामराज्य आ जाएगा।।
झूठा मत इल्ज़ाम लगाओ
ख़ुद के अंदर भी झाँको
कैसे-कैसे काले धंधे
करते रहे ज़रा तो आँको
इन्हें कौन मारे ‘उदार’ ये ख़ुद ही बच ना पाएगा
अगर अलग कथनी-करनी से, बाज़ न अब भी आएगा।।
