ख्वाजा गरीब नवाज।
ख्वाजा गरीब नवाज।


ऐ! मेरे ख्वाजा गरीब नवाज, तेरे कदमों में मेरी जन्नत हो।
चल सकूँ तेरे नक्शे कदम पर,बस यही मेरी मिन्नत हो ।।
रखता तू सबकी खबर है, चाहे वह दूर हो या पास हो।
जिंदगी मेरी तुमसे ही सलामत, यही आरजू सिर्फ मेरी हो।।
मैं ठहरा एक दीन- भिखारी, जिस हाल में रक्खे वही खुशी हो।
चाहत मेरी कभी कम ना हो, दिल में सिर्फ तेरी धड़कन हो।।
काम ना आ सका मैं किसी भी तेरे, बस तुम्हारी याद हो।
खिदमत करना तुमने सिखलाया, दिल में सिर्फ इबादत हो।।
जमाने की खुशियों ने मुझे भरमाया, सिर्फ तुमसे ही मुहब्बत हो।
लुटाते तुम रूहानी दौलत को, तुम मुर्शिद इतने कमाल हो।।
किस्मत मेरी तुमसे सलामत, तुम सबके परवरदिगार हो।
दर्दे दिल में किसको सुनाऊँ, तुम पर ही मेरा विश्वास हो।।
बुराइयों से सदा बचा रहूँ, मुसीबत में तुम मेरे साथ हो।
" नीरज" तो तेरा दास है, लवों पे बस तेरा ही जाप हो।।