ख्वाबों की दुनिया
ख्वाबों की दुनिया
महीनों बीत गए इस आस में
जाने कब तू आएगा
देखा है अब तक जिसे ख्वाबों में
जाने कब वो हकीकत बन जाएगा
आंसू पोछने वाला नहीं है संग
तभी तो आंखो ने बरसना छोड़ दिया
तेरे आने की हर आहट झूठ निकली
उम्मीदों ने भी दामन छोड़ दिया
भर लूं तुझे इन बाहों में
तेरे संग ही जीना मरना है
बन जाए तू मेरा सजन
बस इक ही तो मेरा सपना है
आजा उन को पूरा करने
साथ में जो सपने देखे थे
ख्वाबों की दुनिया में जहां
हम दोनों ही अकेले थे!