STORYMIRROR

Bhavna Thaker

Romance

2.5  

Bhavna Thaker

Romance

ख़्वाबों का जहाँ

ख़्वाबों का जहाँ

1 min
467


चाँद के रंग सी उजली किसी

खूबसूरत रात के मद्धम बहते पहर में 

मेरी नैंन कटोरियों के ख़्वाबगाह में

एक सपना चले..!

 

सौम्य धवल बादलों के शामियाने से

सजे शहर में अलसाई मेरी सुबह चले 

तुम्हारे हसीन खयालों का

कारवां संग लिए..!

 

मेरी पलकों पर कुछ

अहसास रखो तुम रंगीन 

मैं दो हथेलियों से थामकर

उर आँगन में बो लूँ उसे..!

 

एक बेल सी उगे सितारे जड़ित

इश्क की तुम्हारे दिल की

दहलीज़ तक पहुँचे..! 


तुम रात के रास्तों की

संकरी गलियों से गुजरते हुए 

कदम रख दो

मेरे स्वप्न सजे ब्रह्मांड में..!


खामोशी के मेले में

हम तुम अकेले हो

चाँद के झूले पर तुम्हारी गोद में

सर रखकर सो लूँ, 


तुम मेरे गेशुओं में छुपकर

दो जहाँ को भूला दो

शब भर खोए रहे एक दूजे में

फिर उस रात की कोई सुबह ना हो..!

 

इश्क में खोए दो आशिकों की

तमन्नाओं का जहाँ सपनों की सेज पर

ठहरा हकीकत की धरा से परे

स्पंदनों में घिरा।


Rate this content
Log in