Professor Santosh Chahar
Romance
मैं, वो ख्वाब हूं
जो तुमने बुना तो बहुत,
लेकिन, गुना नहीं
जब ख्वाब गुने नहीं जाते
तो स्वत:, तिरोहित हो जाते हैं।
प्रेम मंजरी
अक्षुण्ण प्रे...
शापित आईना
विदाई
दुल्हन की पोट...
अजनबी अतिथि
इतिहास
एक टुकड़ा
गुह्वर
ख्वाब
थोड़ी सी ख़ामोशी मुझे है स्वीकार ... अतिशयोक्ति में डूबा हुआ नहीं चाहिए प्यार ! थोड़ी सी ख़ामोशी मुझे है स्वीकार ... अतिशयोक्ति में डूबा हुआ नहीं चाहिए प्यार !
दिल की अलमारी में मिल गई, अहसासों की पुरानी किताब। दिल की अलमारी में मिल गई, अहसासों की पुरानी किताब।
वो जो खो गया है कहींं, आज भी मेरे साथ चलता है! वो जो खो गया है कहींं, आज भी मेरे साथ चलता है!
मैं मचलती हूँ सात सुर-सी बजती वीणा-सी, कोई नश्तर नहीं मेरे वज़ूद के आसपास... मैं मचलती हूँ सात सुर-सी बजती वीणा-सी, कोई नश्तर नहीं मेरे वज़ूद के आसपास...
पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है हमारा। पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है...
तुम्हारे अंदर वो तमाम रद्द-ओ-बदल जो तुमने सिर्फ़ मेरे लिए किये उनका आभार जता सकूँ मै तुम्हारे अंदर वो तमाम रद्द-ओ-बदल जो तुमने सिर्फ़ मेरे लिए किये उनका आभार ...
इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ! इश्क़ है; सिलवटों से भरे बिस्तरों में, अपनी प्रेयषी की खुशबू को ढूँढना ...
यह नशा ताउम्र न उतरे ! यह नशा ताउम्र न उतरे !
जो तुम्हारा ही नहीं, उसे क्यों अपनी ज़िन्दगी समझते हो। जो तुम्हारा ही नहीं, उसे क्यों अपनी ज़िन्दगी समझते हो।
पात पात प्रतीति परिभाषित, है तुम बिन फागुन अभिशापित। पात पात प्रतीति परिभाषित, है तुम बिन फागुन अभिशापित।
छुपो तुम लाख ही मुझसे तुम्हें मैं ढूंढ ही लूँगा। छुपो तुम लाख ही मुझसे तुम्हें मैं ढूंढ ही लूँगा।
एक गीत अपनी मोहोब्बत के लिए।। एक गीत अपनी मोहोब्बत के लिए।।
बस तुम यूं ही आ जाना...। बस तुम यूं ही आ जाना...।
दौर नहीं रहा वो अब कि ख़ुद को छोड़ आएं किसी की ऑंखों में। दौर नहीं रहा वो अब कि ख़ुद को छोड़ आएं किसी की ऑंखों में।
घटा सावन घनेरी है, .......अँधेरी रात कजरारी चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात है मारी। विरह की... घटा सावन घनेरी है, .......अँधेरी रात कजरारी चमक बिजुरी कटारी ने, जिया में घात...
तुम जाते जाते ले गये.. मुझसे मेरी साँझ की तसल्ली.. तुम जाते जाते ले गये.. मुझसे मेरी साँझ की तसल्ली..
उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे? उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे?
कुछ पल के लिये धडकनें थम सी गयी उनका दिदार कर आँखे छलक सी गयी बाहर भी बारिश है,अंदर भी बारिश ह... कुछ पल के लिये धडकनें थम सी गयी उनका दिदार कर आँखे छलक सी गयी बाहर भी बारि...
अचानक ही तो मिले थे हम दोनों समय और संस्कारों की यात्रा में। अचानक ही तो मिले थे हम दोनों समय और संस्कारों की यात्रा में।
जाओ घटाओ जाओ जाओ, विरहाग्नि न भड़काओ तुम। जाओ घटाओ जाओ जाओ, विरहाग्नि न भड़काओ तुम।