खुशी और गम
खुशी और गम
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गरीबों के नसीब में कहाँ
खुशियाँ दस्तक देती है हमेशा।
दर्द वे सहते किस्मत के
साथ ही जमाने का हमेशा।
कहते हैं गरीब होना अच्छा
गरीबी ना हो कभी साथ।
गरीब चाहे तो कर प्रयास
किस्मत बदले, खुश रहे हर बार।
इतिहास में दासताँ हैं अनेक
गरीबों ने जीती जंग जमाने में।
खुश होकर गमों के दर्द पीकर
अपनी पहचान बनायी जमाने में।
कभी खुशी तो कभी गम
हाथ की लकीरों का है खेल।
कभी राजा रंक बन जाता
कभी गरीब करता, अमीरी-से खेल।
खुशी में ज्यादा खुश होना
दर्द में खुद को फनां ना करना।
इंसानी फितरत है खुशी व गम
सद्कर्म से भाग्य बदलता
प्रयास सदैव करते रहना।