कहीं ऐसा न हो
कहीं ऐसा न हो


कहीं ऐसा न हो इन अश्कों के समंदर में
ज़िन्दगी की सारी ख़ुशियाँ बह जाएं
कहीं ऐसा न हो
तेरे आने के इंतजार में हम
जीना छोड़ मौत को गले लगाएँ
कहीं ऐसा न हो
ये बदकिस्मत ज़िन्दगी
हमें जुदा करने पर मजबूर हो जाये
कहीं ऐसा न हो
मेरा माझी मझधार में छोड़
मुझे साहिल की ओर बढ़ जाये
कहीं ऐसा न हो
मेरा 'मन' मुझसे रूठ जाए
और हम चाहते हुए भी न मिल पाएँ