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निखिल कुमार अंजान

Action

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निखिल कुमार अंजान

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कहावत सदियों से सुनते आए.....

कहावत सदियों से सुनते आए.....

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एक और एक ग्यारह होते हैं

कहावत सदियों से सुनते आए


इतिहास के पन्नो मे दर्ज हैं किस्से

जो हमे एकता का मतलब समझाए


एक और एक जब मिल जाते हैं

वो दस पर भी भारी पड़ जाते हैं


मिलकर चलते हैं जब दुर्गम पहाड़ी

पर भी आसानी से पथ बन जाते हैं


सुभाष चंद्र बोस का नारा याद आता है

तुम मुझे खून दो मै तुम्हें आजादी दूगां


इस नारे के साथ सबको जोड़ लिया

एकता के बल पर पूरे देश भर मे


आजादी का परचम लहरा कर

फिरंगीयों को पीछे खदेड़ दिया


एक और एक ग्यारह होते हैं

इस कहावत को चरितार्थ किया।


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