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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

कुछ बंदिशों के होने से।

कुछ बंदिशों के होने से।

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कुछ बंदिशों के होने से, कुछ बातों पर रोकने से, 

रूढ़िवादी परंपराओं का, बहिष्कार करना सही है। 


आज़ादी मिल गई दोस्तों, आज़ाद देश के गुलाम है, 

सब बंदिशें आम लोगों पे, नामी लोगों को सब माफ़। 


नेताओं, अभिनेताओं को, कुछ भी करने की छूट है, 

किसी को भी मार डालते, जमानत पर तुरंत बरी हो। 


बस आम आदमी मर गए, हर नियम निभाते मर गए, 

जवान को लाख रूपये ही, खिलाड़ी को करोड़ों रुपये। 


ये वो भारत देश तो नहीं है, जो हमारे पूर्वजों ने चाहा, 

ये वो भारत देश बन गया है, जो काले अंग्रेजों का ही। 


शहीद स्वतंत्रता सेनानी हुए, देश की आज़ादी के लिए, 

वो भी बहुत पछता रहे होंगे, देश की ऐसी हालत देख। 


जो सोने की चिड़िया तो था, अब तानाशाह हो गया है, 

दुनिया का लोकतंत्र बड़ा था, अब बड़ा तानाशाह हुआ।


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