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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

कहां चले गये?

कहां चले गये?

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तिरछी नज़र मुझ पर डालकर,

तुम कहां चले गये?

नज़र के ज़ाम छलका कर के, 

तुम कहां चले गये?...

तुम्हारा सुंदर मुख देखकर, 

हम बेकाबू हो गये,

हवा में उड़ती रेशमी जुल्फों से, 

हम मस्ती में लहरा गये।

दिल हमारा चोरी करके,

तुम कहां चले गये?

नज़र के ज़ाम छलका करके,

तुम कहां चले गये?.... 

गुलाबी होंठ तुम्हारे देखकर, 

हम भँवरे बन गये,

गुनगुन गान मेरा सुनकर, 

तुम क्यूं शर्मा गए ?

प्यार की प्यास मिटाये बिना, 

तुम कहां चले गये?

नज़र के ज़ाम छलका करके,

तुम कहां चले गये?.... 

तुम्हारे मदमस्त यौवन के ज़ादू से,

हम तुम्हारे बन गये,

तुम्हारी बहती यौवन सरिता की ,

गहराई में हम डूब गये।

"मुरली" को प्यार में दीवाना बनाकर,

तुम कहां चले गये?

नज़र के ज़ाम छलका करके,

तुम कहां चले गये?.... 



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