कभी दूर ना जाना भाई
कभी दूर ना जाना भाई
छोड़ के आंसू चल पड़े
अब छोड़ गए परछाई
रूठ गया जमाना देखो
तू रूठना ना कभी भाई।
बाजेंगे तेरे जीवन में
कभी ढोल कभी शहनाई
खुशियों का सेहरा पहन
कहीं भूल ना जाना भाई।
तू ही मेरा भरत दुलारा
तू ही लक्ष्मण भाई
मुझ बेसहारे को छोड़कर
कभी दूर न जाना भाई।
दिल को कागज बना लिया
ये आंसू बनी स्याही
गश खाकर अब गिर पड़ता हूं
उंगली थाम ले भाई।
