अच्छा है कोई बाँट रहा है
अच्छा है कोई बाँट रहा है
अच्छा है कोई बाँट रहा है
वरना खादी पहनकर हर कोई
जनता की ही धोती फाड़ रहा है।
किसी के दुष्कर्मों का
कोई हिसाब नहीं ,
तो कोई कुकर्मियों के
पीछे से झांक रहा है।
मारो इन पर झाड़ू
सूखे फूल खाली हाथ है आडू।
अच्छा है कोई बाँट रहा है
रहता है वो जनता बीच
उसका जनता पर उधार रहा है।
एक फूल फंसा काँटों के बीच
वो मेरा भारत, मेरा देश पुकार रहा है।
और किसी को देखो तो
खाली माला लिए , गोशाला लिए
खाली हाथों को ही झाड़ रहा है।
मारो इन पर झाड़ू
सूखे फूल खाली हाथ है आडू।
अच्छा है कोई बाँट रहा है
सज्जनता की मिसाल सभी है
मिलकर देखो, डराता कंकाल रहा है
लाखों अरबों के घोटाले देखो
वादे निभाने में मुंह पर पड़े छाले देखो।
सोचो समझो फिर से देखो
कौन जनता को कुएं में डाल रहा है।
मारो इन पर झाड़ू
सूखे फूल खाली हाथ है आडू।