खाली माला लिए , गोशाला लिए खाली हाथों को ही झाड़ रहा है। खाली माला लिए , गोशाला लिए खाली हाथों को ही झाड़ रहा है।
वही लेखनी सुनी जा रही जिसमें हास्य विनोदी वाणी।। वही लेखनी सुनी जा रही जिसमें हास्य विनोदी वाणी।।