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Dr Lalit Upadhyaya

Crime

3.7  

Dr Lalit Upadhyaya

Crime

कब मिलेगा न्याय?

कब मिलेगा न्याय?

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निर्भया को लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला,

मजबूर क्यों है बेटियां, समाज देता कैसा सिला!                     

हाथरस हो या बारां, इलाहाबाद हो या आरा,          

जगह जगह पर खबरें क्यों आम हो गई,

हैवानियत के आगे इंसानियत बदनाम हो गई।।                       


कब तलक लुटती रहेंगी आबरू उनकी,

हैसियत है माँ बहन की जिनकी।

अब तो समझ जाओ, एकजुट हो जाओ।             

दरिंदों को सबक सिखा जाओ,      

नारी के सम्मान को समझ जाओ।


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