तुम्हारी लौ अलौकिक बन गई तुम्हारी लौ अलौकिक बन गई
हैवानियत के आगे इंसानियत बदनाम हो गई।। हैवानियत के आगे इंसानियत बदनाम हो गई।।
ताकि फिर न बने कोई हवस का शिकार चल कहीं और चल ये शहर छोड़कर ताकि फिर न बने कोई हवस का शिकार चल कहीं और चल ये शहर छोड़कर
दिल्ली गुस्से से सुलग रही है, क्रोध से खून उबल रहा है दिल्ली गुस्से से सुलग रही है, क्रोध से खून उबल रहा है